रविवार, 11 दिसंबर 2016

जो तु नहीं है..

मैं अनजान राही.... 
तु पथ प्रर्दशक...
तुम मेरे साथी
जग मूक दर्शक..

तु पास मेरे..
कोई चाह नहीं अब..
तेरे राह पे हूँ..
कोई राह नहीं अब..

है सांस जब तक..
है संग तेरा..
अब तु ही रब है..
मैं मलंग तेरा..

मेरी प्रेरणा तु..
और तु ही प्रण है..
जो तु नहीं है..
जीवन मरण है..

मंगलवार, 14 जून 2016

तु आएगा ,दिल कहता है..।

एक पल के लिए जैसे रुक गया था वक्त,


तुझसे रुबरु जब हुआ था मैं...


सिमट गयी थी तुझमें दुनिया..


तु चांद था.. तु ही रात...




वक्त को तो गुजरना ही था।


अब तो बस....


तेरा नाम है.. तेरी खुशबु है.. तेरी आस है...


जिंदगी है... जी रहा हूँ...


दु:ख क्या.... और सुख कैसा।


पल-पल गुजरता लम्हा है...


बेवजह... बेबस......।


तु आएगा ...!!!


दिल कहता है...............।