रविवार, 11 दिसंबर 2016

जो तु नहीं है..

मैं अनजान राही.... 
तु पथ प्रर्दशक...
तुम मेरे साथी
जग मूक दर्शक..

तु पास मेरे..
कोई चाह नहीं अब..
तेरे राह पे हूँ..
कोई राह नहीं अब..

है सांस जब तक..
है संग तेरा..
अब तु ही रब है..
मैं मलंग तेरा..

मेरी प्रेरणा तु..
और तु ही प्रण है..
जो तु नहीं है..
जीवन मरण है..